Ekta Singh

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प्रेम जाल

दीपक नम्रता का हाथ पकड़ अंदर ले जाता है। नम्रता  के
दीपक नम्रता को एक टेबल की तरफ इशारा करता है। फिर आगे जाकर कुर्सी खींच देता है। नम्रता बैठ जाती है।

आज दोनों पहली बार आमने -सामने बैठे थे। एक लड़का आकर दीपक को गुलाब का गुलदस्ता देता है।
दीपक -जन्मदिन मुबारक हो नम्रता।
गुलदस्ता नम्रता के हाथ में पकड़ा देता है

नम्रता-थैंक्यू दीपक( हँसते हुए )

उसने दोबारा से नम्रता का हाथ पकड़ लिया।
नम्रता  थोड़ा घबरा सी गई।

दीपक ने आनन-फानन  नम्रता के हाथ चुम लिए। नम्रता ने झटके से अपने हाथ पीछे कर लिये।

दीपक-क्या हुआ नम्रता तुम्हें अच्छा नहीं लगा।
नम्रता- नहीं ऐसी कोई बात नहीं है।

दीपक -तुम इतनी परेशान से क्यों लग रही हो? ऐसे लग रहा है जैसे तुम मुझे जानती ही नहीं? हम कितने दिनों से बातें कर रहे हैं। अब जाकर तुमसे मिलना हुआ है। मेरी जिंदगी का यह बहुत ही खूबसूरत पल है। मेरी जिंदगी सामने बैठी है।

नम्रता शरमा जाती है।

थोड़ी ही देर में केक जाता है।

दीपक ने नम्रता की पसंद का केक मंगवाया था
उसको चॉकलेट वाला केक बहुत पसंद हैं । वह केक काटती है दोनों एक दूसरे को प्यार से खिलाते हैं।

दीपक- वेटर केक ले जाओ और सब को बांट दो हमारी तरफ से।
वेटर-ओके सर

दोनों एक-दूसरे का हाथ पकड़े एक दूसरे की आँखों में खो जाते हैं।

नम्रता-बाहर देखो बारिश होने लगी है।
दीपक-कोई बात नहीं आज हम दोनों भीगते हुए घर चलेंगे।

नम्रता-नहीं नहीं!!! दीपक मैं ऐसे नहीं जा पाऊंगी।
अरे परेशान मत हो गाड़ी मंगवा लेता हूँ।
नम्रता-सच
दीपक-हां यार मुझ गरीब के पास एक कार भी है।

दोनों हंसने लग जाते हैं।

वेटर-क्या आर्डर है आपका प्लीज बताएं।
दीपक-बताओ क्या खाना है आज तुम्हारी पसंद का ही खाना खाएंगे।
नम्रता-मुझे तो साउथ इंडियन खाना बहुत पसंद है
दीपक-एक प्लेट सांभर डोसा और एक प्लेट सांभर बड़ा ले आओ
वेटर-ओके सर
थोड़ी देर में खाना आ जाता है। दोनों हंसते बातें करते हुए एक दूसरे को खाना खिलाते हैं।
नम्रता-लेट हो जाऊंगी 8:00 बज गए हैं।
दीपक क्या हुआ यार !आज पहली बार हम लोग मिल रहे हैं। थोड़ा और टाइम मेरे साथ बिताओ। अभी तो मन ही नहीं भरा। तुम्हें ढंग से देखा भी नहीं।

नम्रता उसकी बातें सुन शरमा जाती है।

नम्रता चलो यार बारिश भी बंद हो गई है मुझे घर छोड़ दो।
दीपक- मैंने गाड़ी मंगवाई है आ जाने दो।
दीपक वेटर  को बुलाकर बिल दे देता है। और दोनों बाहर निकल जाते हैं।

बाहर एक सफेद रंग की वैगनार खड़ी होती है। कार में से एक व्यक्ति बाहर निकल कर आता है

दीपक को सलाम करता है।
राकेश मेरी बाइक पीछे की तरफ खड़ी है बाइक तुम घर ले जाओ कार में ले जाऊंगा।

राकेश-ठीक है  साहब
दीपक कार का दरवाजा खोलता है और नम्रता को बैठने का इशारा करता है।
दोनों कार में बैठ जाते हैं। बारिश अब थोड़ी धीमी हो गई थी।
वह म्यूजिक प्ले कर देता है।

"अभी ना जाओ छोड़ कर के दिल अभी भरा नहीं"

और दीपक प्यार से नम्रता की तरफ देखने लगता है। एक हाथ से स्टेरिंग घुमाता है और एक हाथ से उसका हाथ प्यार से पकड़ लेता है।
दीपक-देखो तुम्हारा घर आने वाला है और साइड में गाड़ी लगा देता है।
नम्रता-क्या हुआ गाड़ी क्यों रोक दी।
दीपक-तुमसे कुछ कहना था।
नम्रता-बोलो क्या कहना चाहते हो?
दीपक- क्या तुम्हें कुछ नहीं कहना मुझसे?
नम्रता को समझ नहीं आता कि उसे क्या कहना है??
तभी दीपक  नम्रता को गले लगा लिया। और उसके कान में कुछ कहता है।

आई लव यू नम्रता 

दोनों  एक-दूसरे को कस के पकड़ लेते है। दोनों की सांसे बहुत तेज चल रही थी। ऐसा लग रहा था मानो दो दिल एक हो जायेगे।

तभी नम्रता ने दीपक को खुद अलग किया।

नम्रता-बहुत देर हो रही है। मुझे घर जाना है।

दीपक भी नॉर्मल होता है। और थोड़ी ही देर में उसके घर से थोड़ी दूर पहले गाड़ी रोक देता है बारिश भी अब बंद हो चुकी थी।

नम्रता-थैंक यू दीपक तुमने मेरा आज का दिन बहुत ही यादगार बना दिया।

तभी दीपक उसके गाल पर एक किस कर देता है।

नम्रता-यह क्या कर रहे हो दीपक।

दीपक-तुम्हें थोड़ा सा प्यार कर रहा हूं। क्या मुझे इतनी भी इजाजत नहीं है।

वह कुछ नहीं कहती और गाड़ी से निकल जाती है।
वह अपने घर पहुंच जाती है। लेकिन थोड़ा घबरा रही थी।

मम्मी-बेटा आज तो तूने बहुत देर कर दी। तेरे पापा गुस्सा हो रहे हैं। थोड़ा तो टाइम का ख्याल किया कर।

नम्रता के पापा आज कहेगे??
वह क्या बोलेगी? आगे नम्रता और दीपक का प्यार कैसे  बढ़ेगा? जानने की लिए पढ़ते रहें।


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4 Comments

RISHITA

02-Sep-2023 09:46 AM

Amazing

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madhura

01-Sep-2023 10:46 AM

Beautiful part

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Anjali korde

29-Aug-2023 11:05 AM

Very touching story

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